जन कल्याण पर जितना सरकारों का खर्च, उससे ज्यादा संपत्ति मुकेश अंबानी के पास

भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार तरक्की कर रही है, लेकिन इसके साथ ही आर्थिक असमानता भी काफी बढ़ रही है. एक तरफ अरबपतियों का धन बढ़ता जा रहा है, तो दूसरी तरफ, गरीब और गरीब होता जा रहा है. ऑक्सफैम (Oxfam) इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के पास जितना धन है उतना तो कुल मिलाकर भारत सरकार और राज्य सरकारों के जनकल्याण का बजट भी नहीं है.
ऑक्सफैम की एक स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2018 में हर दिन भारत के अरबपतियों के धन में 2,200 करोड़ रुपये तक का इजाफा हुआ है. देश के शीर्ष एक  फीसदी धनी लोगों के धन में 39 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि गरीब यानी नीचे के 50 फीसदी लोगों आमदनी में महज 3 फीसदी का इजाफा हुआ है.
पीएम मोदी की सरकार के लिए आलोचनात्मक रुख अपनाते हुए इस स्टडी में कहा गया है कि गरीबों की भलाई के लिए चल रही तमाम योजनाओं के बावजूद भारत में असमानता और गहरी होती जा रही है.
रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता और जल आपूर्ति जैसे जनोपयोगी कार्य पर केंद्र और राज्य सरकारों का कुल मिलाकर राजस्व और पूंजी व्यय 2,08,166 करोड़ रुपये है, जबकि इससे ज्यादा 2.8 लाख करोड़ रुपये की संपदा तो देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के पास है.
देश की आधी संपदा सिर्फ 9 अरबपतियों के पास
इसमें कहा गया है, 'देश के नौ अरबपतियों की कुल संपदा नीचे की 50 फीसदी जनसंख्या की संपदा के बराबर है और देश की करीब 60 फीसदी जनसंख्या के पास राष्ट्रीय संपदा का महज 4.8 फीसदी हिस्सा है.'  
विपक्ष पहले से ही आरोप लगाता रहा है कि मोदी सरकार अमीर समर्थक है और इस रिपोर्ट के आने के बाद सरकार के खिलाफ हमले और बढ़ सकते हैं. ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 10 फीसदी जनसंख्या के पास कुल राष्ट्रीय संपदा का महज 77.4 फीसदी है. देश की शीर्ष एक फीसदी जनसंख्या के पास राष्ट्रीय संपदा का 51.53 फीसदी हिस्सा है, जबकि बाकी 99 फीसदी के पास महज 48 फीसदी.
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में भारत में अरबपति क्लब में 18 नए लोग शामिल हूए हैं. डॉलर के लिहाज से अब देश में 119 अरबपति हैं जिनकी कुल संपदा 440 अरब डॉलर या 30 लाख करोड़ रुपये के आसपास है. साल 2017 में इन अरबपतियों के पास 325.5 अरब डॉलर संपदा थी.
अमीरों पर सिर्फ आधा फीसदी टैक्स लगाने से होगा ये चमत्कार
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने हाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की है जिसके तहत गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिल रहा है. इस योजना का लाभ तो अभी गरीबों तक पूरी तरह से पहुंचना है, लेकिन ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल आलम यह है कि उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधा सिर्फ पैसे वालों के लिए है. भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए शीर्ष गंतव्य है, लेकिन यहां सरकारों द्वारा स्वास्थ्य पर खर्च दुनिया में सबसे कम है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत के धनी लोगों की संपदा पर महज आधा फीसदी का टैक्स लगा दिया जाए, तो इससे इतना पैसा जुट जाएगा कि सरकार स्वास्थ्य पर खर्च में बहुत ज्यादा 50 फीसदी तक की बढ़त की जा सकती है.

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