निर्वासन दिवस : विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडितों ने मांगा अलग होमलैंड

अपने ही देश में तीन दशकों से विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडितों ने निर्वासन दिवस पर कश्मीर में अलग से होमलैंड की मांग दोहराई है।
राजभवन के समक्ष शनिवार को ऑल स्टेट कश्मीर पंडित कांफ्रेंस सहित अन्य विभिन्न कश्मीरी संगठनों के बैनर तले कश्मीरी पंडितों ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। कश्मीरी पंडितों का कहना था कि वोट के लिए अब तक सभी राजनीतिक पार्टियों ने लाखों कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में घर वापसी के लिए सब्ज बाग दिखाए हैं।
विरोध प्रदर्शन कर रहे आरएल पंडित का कहना है कि कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षित क्षेत्र में अलग से होमलैंड का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाए ताकि वे अपनी जड़ों से फिर से जुड़ सकें। उन्होंने राेजगार और शैक्षिक संस्थानों में 10 प्रतिशत का आरक्षण देने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले कश्मीरी पंडितों को आयु सीमा में छूट देने, प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 6000 पदाें को भरे जाने सहित कश्मीरी समुदाय के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए टैंपल और श्राइन एक्ट को मंजूरी देने की अपील की है।
विस्थापन के इन तीन दशकों के दौरान राजनीति तो खूब हुई लेकिन हल किसी ने भी नहीं निकाला। कश्मीरी पंडित चाहते हैं कि 1990 के दशक में उनके संपत्तियों पर हुए कब्जों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा छुड़ाया जाए। मजबूरी में जिन विस्थापित कश्मीरी पंडितों को संपत्ति बेचनी पड़ी उसे भी लौटाया जाए।

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