20 फरवरी से पहले पूरा करें मुख्यमंत्री घोषणाओं के काम: जयराम
घोषणाओं के लागू होने में अफसरों की ढील पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घोषणाओं को पूरा करने के लिए 20 फरवरी की मियाद तय की है। सोमवार को बजट घोषणाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती पर नाराजगी जताई।दोनों विभागों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं को जल्द लागू कर जनता को समर्पित करें। विधानसभा का बजट सत्र अगले महीने से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने अपनी और बजट घोषणाओं की वर्तमान स्थिति जानने के लिए समीक्षा बैठक ली।
कहा कि संबंधित विभागों को यह तय करना चाहिए कि उनके विभागों से बजट में घोषित नई योजनाओं को निर्धारित समय के भीतर लागू करें। विकासात्मक योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पूर्व सक्रियता की भावना आवश्यक है।
उन्होंने वर्दी योजना को लागू करने पर देरी पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी। कुछ अन्य विभागों की कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में धीमी गति पर कहा कि प्रक्रियाओं में तेजी लाने के प्रयास किए जाएं। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम ने कहा कि कुछ ही योजनाओं के कार्यान्वयन में बेहतर प्रगति हुई है। गृहिणी सुविधा योजना राज्य में सफल रही है। इस वर्ष के अप्रैल माह तक प्रदेश प्रत्येक परिवार के पास गैस कनेक्शन होने से प्रदेश देश का पहला धुआं मुक्त राज्य बनकर उभरेगा।कहा कि सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में 33,264 के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 35,000 कनेक्शन दिए हैं।
नई राहें नई मंजिलें योजना को भी जल्द लागू करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने जनमंच कार्यक्रम की तारीफ की और कहा, इसके माध्यम से 22 हजार से अधिक शिकायतों को निराकरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण, परिवहन तथा पुलिस विभाग को सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने तथा दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
साथ ही विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए निजी स्कूल बसें चलाने के संबंध में विभिन्न दिशा निर्देशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव बीके अग्रवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्रीकांत बाल्दी, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डीसी राणा, प्रशासनिक सचिव व विभागाध्यक्ष बैठक में मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि आम बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। आह्वान किया कि लोग व अधिकारी अपने बहुमूल्य सुझाव दें ताकि बजट को कल्याणकारी बनाया जा सके।