जींद किसी रियासत की जागीर नहीं: दुष्यंत चौटाला

आजादी के 72 वर्षों तथा हरियाणा गठन के 52 वर्षों के पश्चात आज भी जींद जिस बदहाल अवस्था में है उसके लिए यहां के राजनेता ही सर्वाधिक जिम्मेदार हैं। ऐसा नहीं है कि जींद की जनता ने जिन प्रतिनिधियों को चुन कर विधानसभा में भेजने का कार्य किया उन्हें अधिकार नहीं प्रदान किए गए।
जींद की धरती ने अनेक ऐसे लोगों को विधानसभा में भेजने का कार्य किया है जो प्रदेश सरकार मेंं प्रभावशाली पदों पर रहे हैं। एक समय ऐसा भी था जब प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडलमें जींद जिले के पांच विधानसभाओं में से तीन विधानसभाओं के प्रतिनिधियों को प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया था। इतना सब कुछ होने के बावजूद आज भी जींद की बदहाल स्थिति यह प्रमाणित करने का कार्य कर रही है कि जींद की दुर्दशा के लिए यहां के नेता ही सर्वाधिक जिम्मेदार हैं।
एक तरफ जहां जींद में आधारभूत संरचनाओं का घोर अभाव है वहीं दूसरी ओर 21वीं सदी के इस युग में आज भी जींद के निवासी बिजली-पानी और सडक़-सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उक्त बातें हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला ने उस समय कहीं जब वे अपने चुनावी जनसंपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित जनसभाओं में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

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