जेएनयू चार्जशीट मामले में नया विवाद, बिना सरकार की अनुमति के दाखिल किया आरोप पत्र
जेएनयू देशद्रोह मामले में चार्जशीट दाखिल करने के मामले में नया विवाद खड़ा हो गया है। इससे दिल्ली की राजनीति गरमा सकती है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली सरकार की अनुमति लिए बिना ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
देशद्रोह के मामले में दिल्ली सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य है। जानकारों का कहना है कि दिल्ली सरकार की अनुमति मिलने तक कोर्ट चार्जशाीट में देशद्रोह वाली धारा पर संज्ञान नहीं लेगा। अगर दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी तो देशद्रोह की धारा स्वत: खत्म हो जाएगी। दिल्ली सरकार की अनुमति लिए बिना ही चार्जशीट दाखिल करने पर सवाल भी उठ रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चार्जशीट में कई आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धारा 124ए लगाई गई है। इस धारा में कोर्ट सीआरपीसी की धारा 196 के तहत तभी संज्ञान ले सकता है, जब दिल्ली सरकार की अनुमति मिली हो।
चार्जशीट दाखिल करने में तीन वर्ष का समय हो गया था। समय से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती तो देशद्रोह की धारा टिकती नहीं। अब दिल्ली सरकारी पर निर्भर है कि वह अनुमति दे या नहीं। अब गेंद दिल्ली सरकार के पाले में है। वैसे स्पेशल सेल का मानना है कि दिल्ली सरकार जल्द ही अनुमति दे देगी।