सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में दी चुनौती
लोकतंत्र सेनानियों (मीसा बंदी) की सम्मान निधि (पेंशन) बंद करने के आदेश को अब हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मदन बाथम द्वारा याचिका प्रस्तुत कर कहा गया है कि देश में इमरजेंसी के दौरान जिन सामाजिक व राजनैतिक कार्यकर्ताओं को जेल में रखा गया था, उन लोगों को यह सम्मान निधि दी जाती थी और इसकी व्यवस्था देश के कई राज्यों में है।
मप्र में 2 हजार 286 परिवार इस सम्मान निधि पर आश्रित हैं और विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार ने दुर्भावनापूर्ण रवैया अपनाते हुए इस पर रोक लगा दी। संघ की तरफ से याचिका में उक्त सम्मान निधि की व्यवस्था को पहले की तरह बहाल करने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि मीसाबंदियों को 25 हजार रुपए मासिक पेंशन राज्य सरकार द्वारा दिए जाते थे। जिसके वितरण पर बीते दिनों मप्र सरकार ने इस मामले में जांच के प्रावधान का उल्लेख करते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। जिसके बाद लोकतंत्र सेनानी संघ के बैनर तले मीसा बंदियों ने धरना भी दिया था।