अमर्त्य सेन बोले, 'सामान्य श्रेणी कोटा अव्यवस्थित सोच, हो सकते हैं गंभीर प्रभाव'

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रस्तावित 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को बुधवार को 'अव्यवस्थित सोच' बताया जो इस फैसले के राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
सेन ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के शासनकाल में हुई उच्च आर्थिक वृद्धि को कायम तो रखा लेकिन उसे नौकरियों के सृजन, गरीबी के उन्मूलन और सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य तथा शिक्षा में नहीं बदला जा सका.
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के कदम पर उन्होंने कहा, 'उच्च जाति वाले कम आय के लोगों के लिए आरक्षण एक अलग समस्या है.' उन्होंने कहा, 'अगर सारी आबादी को आरक्षण के दायरे में लाया जाता है तो यह आरक्षण खत्म करना होगा.' 

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