एचएएल को नहीं मिले रक्षामंत्री के बताए एक लाख करोड़ के ऑर्डर

आर्थिक तंगी से जूझ रहे भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को राफेल पर चर्चा के दौरान रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बताए गए एक लाख करोड़ के ऑर्डरों का इंतजार है। डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने सुरक्षा बलों की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए पहले ही कुछ आर्डरों को मंजूरी दे दी है मगर एचएएल को अबतक वास्तविक आर्डर नहीं मिले हैं।
एचएएल के पास केवल तीन महीनों तक अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये थे। साथ ही एचएएल के सबसे बड़े ग्राहक भारतीय वायु सेना ने अपने बकाया नहीं चुकाए हैं।
शुक्रवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मोदी सरकार ने एचएएल को एक लाख करोड़ के ऑर्डर दिए है। कई ऑर्डरों की आवश्यकता की स्वीकार्यता और मंजूरी डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल से मिल चुकी है मगर अबतक ऑर्डर नहीं दिए गए है। एचएएल के एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने कि शर्त पर बताया कि न ही कोई ऑर्डर अबतक मिला है और न ही कोई पैसा।

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