अब पंचायतों की मर्जी के बिना गांव में नहीं खुलेगा शराब का ठेका

सरकार ने शराब ठेकों का विरोध कर रही महिलाओं और पंचायतों को 31 दिसंबर तक का समय दिया है, ताकि वह आबकारी एवं कराधन विभाग को लिखित में अर्जी दें कि उनके गांव में शराब का ठेका नहीं खोला जाए। लेकिन इसके लिए शर्त रहेगी कि संबधिक गांव अवैध खुर्दे और शराब की तस्करी से मुक्त होना चाहिए। इसके साथ ही पूरे साल में गांव में अवैध बिक्री का कोई भी मामला दर्ज ना हुआ हो।
सीएम मनोहर लाल खट्टर के आदेश पर आबकारी एवं कराधान विभाग ने शराब के ठेकों का विरोध कर रही पंचायतों से आवेदन मांगे हैं। इन शर्तों को पूरा करने वाली पंचायतों में शराब के ठेके नहीं दिखेंगे। नियमानुसार एक हजार से कम घरों वाले गांव की पंचायत शराब के ठेकों को खोलने के खिलाफ प्रस्ताव को पारित कर भेजती है, तो उस गांव में ठेका नहीं खोला जाएगा।

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