कांग्रेस का विधान परिषद बनाने का 'वचन' दो तिहाई बहुमत पर टिका

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनने पर विधान परिषद बनाने का वचन दिया है, लेकिन पार्टी को विधानसभा में दो तिहाई बहुमत से संकल्प पारित कराने की चुनौती है। इसके बाद संसद में इसे कानून का रूप मिलने के बाद ही विधान परिषद का गठन हो पाएगा। प्रदेश में विधान परिषद की पहल अभी तक दो बार हुई है, जिसमें से एक बार संकल्प पारित होने की स्थिति भी बनी है।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में विधान परिषद बनाने की बात कही है। कांग्रेस ने इसी तरह की पहल दिग्विजय सिंह सरकार के पहले कार्यकाल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में की थी। घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था, लेकिन विधानसभा की कार्यवाही में यह शामिल नहीं हो सकी। वहीं, डीपी मिश्रा सरकार के कार्यकाल में भी 1967 में विधान परिषद बनाने के लिए विधानसभा में संकल्प लाया गया था, जिसे सदन ने पारित कर लोकसभा को भेज दिया था।

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