मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव
में वोटिंग के बाद से लोग 11 दिसंबर को होनी वाली मतगणना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार के 800 करोड़ रुपए कर्ज लेने की खबर ने राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है. सवाल उठ रहे हैं कि पूरे चुनाव प्रचार में मध्य प्रदेश में हुए विकास कार्यों को गिनाने वाली शिवराज सरकार किस काम के लिए इतनी मोटी रकम कर्ज के रूप में ले रही है. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मौजूदा सरकार 800 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि नया जनादेश आने से पहले सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है, क्या छह-सात दिन इंतजार नहीं कर सकती थी? पौने दो लाख करोड़ का कर्ज तो पहले से है ही.