न बागी, न बगावत, वोटर खामोश... मुद्दे भी गायब, चेहरों ने रोचक बनाया चुनावी संघर्ष

चुनावी शोर तो चारों ओर है। जहां वोट पड़ गए वहां हार-जीत के कयास। जहां वोटिंग होनी है वहां चर्चा ये कि माहौल किसके पक्ष में है? इस बीच एक चर्चा स्वाभाविक रूप से जुड़ जाती है- 'और... क्या चल रहा है राजधानी की चारों सीटों में?' इसी की टोह लेने हम निकले इन चारों सीटों से होकर राजधानी से लगी तीन और सीटों तक। पता चला इन सीटों के चुनावी मुकाबले में मुद्दे पूरी तरह से गायब हैं। प्रत्याशी का पिछला परफॉर्मेंस तो कहीं उसका व्यक्तित्व ही वोटरों का पैमाना है। चाहे वह विपक्ष का हो या फिर सत्ता पक्ष, चर्चा है सिर्फ चेहरे की। रायपुर में प्रदेशभर की चुनावी जंग के लिए सभी दलों के क्षत्रप आ रहे हैं, जा रहे हैं। ऐसे में चुनावी सरगर्मी भी दूसरी सीटों से तेज है। लेकिन आसपास की तीन सीटों पर केवल प्रचार ही माहौल बना रहा है। हां, बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने के कारण प्रचार के तरीकों और भीड़ पर बातें जरूर जुबां पर हैं। किसी के चुनाव लड़ने के तरीके पर तो किसी की संभावित लीड पर। 

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