स्टिंग ऑपरेशन: सत्ता प्रतिष्ठान के नजदीक रहा उमेश कुमार शर्मा का चेहरा

स्टिंग ऑपरेशन की मुख्य धुरी के रूप में सामने आया उमेश कुमार शर्मा उत्तराखंड में पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से सत्ता प्रतिष्ठान के नजदीक रहा है। राज्य गठन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से लेकर हरीश रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल तक उमेश कुमार को हमेशा सत्तापक्ष के नजदीक देखा गया। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी इसके अपवाद रहे।

उमेश सबसे अधिक 2016 में तब चर्चा में आया, जब उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग कर सियासत में भूचाल ला दिया था। यह भी सच है कि इस घटनाक्रम के बाद वह भाजपा के लिए बड़ा चेहरा बनकर सामने आया। उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड बनने पर भाजपा की अंतरिम सरकार के दौरान उमेश ने सरकार और शासन में अपनी जड़ें जमाई। यही वजह रही कि पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल तक वह हमेशा सत्ता प्रतिष्ठान के नजदीक देखा गया। केवल पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी और उनका कार्यकाल इसका अपवाद रहा।

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में भी वह सत्ता शीर्ष के करीब रहा, लेकिन बाद में निशंक ने उमेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसे बाद में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वापस ले लिया गया।

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