विधानसभा का मानसून सत्र: सदन में अपनों से ही घिरी सरकार

मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में सरकार अपने, यानी भाजपा के ही विधायकों के सवालों पर घिरी नजर आई। भाजपा विधायकों ने कई बार अपने सवालों से मंत्रियों को घेरा। यहां तक कि कुछ मामलों में तो नाराजगी तक जताई गई। उन्हें इस मामलों में कांग्रेसी विधायकों का भी साथ मिला। इससे जवाब देने वाले मंत्री असहज नजर आए। विधानसभा में बुधवार को सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में चीड़ के संबंध में विधायक प्रीतम पंवार द्वारा पूछे गए सवाल पर वन मंत्री हरक सिंह रावत घिरे दिखे।

मुन्ना सिंह चौहान ने पूछा कि यदि चीड़ से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है तो फिर एफआरआइ द्वारा दी गई रिपोर्ट में क्यों पातन की बात कही गई है। इसमें काटने को कहा गया है अथवा काट-छांट को। इस पर भी मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इसी तरह शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक निकायों में आरक्षण के मसले पर अपने विधायकों के सवाल से घिरे। विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल पर मंत्री मदन कौशिक ने निकायों में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की।

उन्होंने कहा कि एक्ट के अनुसार ही नगर पालिका व पंचायतों में सीटों का आरक्षण तय किया गया है। इस पर भाजपा विधायक सुरेश राठौर व विधायक चंदन राम दास ने अनुसूचित जाति की संख्या अनुपात के अनुसार सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करने को कहा। मदन कौशिक ने कहा कि इसी आधार पर आरक्षण सुरक्षित किया जा रहा है। इस जवाब पर विधायक चंदन राम दास असंतुष्ट नजर आए।

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