करुणानिधि की राजनीतिक विरासत पर फिर होगा सत्ता संग्राम या स्टालिन संभालेंगे DMK की कमान ?

 
एम करुणानिधि के निधन के बाद दक्षिण भारत की राजनीति में एक युग का अंत हो गया। करीब 60 सालों तक दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय रहे करुणानिधि के जाने के बाद अब सवाल उठता है कि वो जो अपने पीछे एक बड़ी और प्रभावी राजनीतिक विरासत छोड़ गए हैं उसका वारिस कौन होगा। हालांकि करीब दो साल पहले करुणानिधि ने काफी विवादों के बाद साल 2013 में अपने बेटे एमके स्टालिन को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दिया था लेकिन जब तक वो जीवित रहे द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) पर अपनी पकड़ बनाए रखी।

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