संसद का मानसून सत्र आज से, चार बिल पेश कर चर्चा कराने की तैयारी

बुधवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार के पास काम की भरमार है। हालांकि विपक्ष के आक्रामक रवैये के कारण चुनौतियां भी हैं। अगर बजट सत्र से जारी हंगामा नहीं थमा तो मासूमों से रेप पर फांसी, तीन तलाक और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा संबंधी बिल अटके रह जाएंगे। इसके अलावा संसद के इस सत्र में मानवाधिकार, सूचना का अधिकार और मानव तस्करी पर गंभीर बहस भी देखने-सुनने को मिलेगी।
दरअसल, सरकार ने मानसून सत्र के लिए 15 बिलों को सूचीबद्ध किया है। इनमें सरकार की प्राथमिकता अगले लोकसभा चुनाव के लिए गेमचेंजर माने जाने वाले तीन तलाक को दंडनीय बनाने, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने और 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने वाले बिलों का कानूनी जामा पहनाने का है। इसी सत्र में सरकार को कई अध्यादेशों के संदर्भ में भी बिल पेश करना है।

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