यहां विकास पर नहीं, एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस पर लगती रही है मुहर

विकास तो खूब हुआ। प्रदेश के नक्शे में एक मजबूत विधानसभा बनकर उभरा, लेकिन राजनीति ऐसी रही है कि यहां एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत मिली है। इस विधानसभा का एक हिस्सा बीएसपी के टाउनशिप में आता है, जहां बसाहट बिल्कुल व्यवस्थित है, सड़कें भी चकाचक हैं। वहीं दूसरा हिस्सा खुर्सीपार, हुडको और छावनी का है, जहां सड़कों की स्थिति अब जाकर सुधर रही है। खुर्सीपार और छावनी में पानी सबसे बड़ी समस्या रहा है, लेकिन वृहद पेयजल योजना फेज-दो के क्रियान्वयन के बाद उस समस्या को भी हल करने का दावा किया जा रहा है। चुनावी घोषणाओं पर गौर किया जाए तो यहां हर वो काम हुआ है, जिसे मुुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा गया था।
भूगोल - भिलाई नगर प्रदेश की मुख्य शहरी विनसभाओं में से एक है। इसकी सरहदें शहर के वैशाली नगर, दुर्ग शहर और ग्रामीण क्षेत्र के पाटन व दुर्ग ग्रामीण को छूती हैं। इससे दूसरे प्रदेश की सीमाएं नहीं लगती हैं।
प्रशासन - भिलाई नगर विधानसभा का पूरा क्षेत्र नगर पालिक निगम भिलाई में आता है। इसके अलावा भिलााई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप के कार्यों को संयंत्र का नगर सेवाएं विभाग संभालता है।
आर्थिक - भिलाई इस्पात संयंत्र और औद्योगिक क्षेत्र छावनी के उद्योग इस विधानसभा की अर्थव्यवस्था की मुख्य पहचान हैं। यहां नौकरीपेशा के साथ उद्योगों व भिलाई इस्पात संयंत्र में मजदूरी करने वाले लोग ज्यादा हैं।
शिक्षा - भिलाई इस्पात संयंत्र की टाउनशिप में ही कल्याण महाविद्यालय और महिला महाविद्यालय है। इसके अलावा बीएसपी के दो स्कूल, एक डीपीएस व खुर्सीपार और छावनी क्षेत्र में दर्जनभर शासकीय स्कूल हैं।
स्वास्थ्य - यहां भिलाई इस्पात संयंत्र का पंडित जवाहर लाल नेहरू अनुसंधान केन्द्र (सेक्टर-9 अस्पताल) मुख्य हॉस्पिटल है। खुर्सीपार के लिए इस बजट में 100 बिस्तर अस्पताल की स्वीकृति मिली है।
सड़कें - भिलाई इस्पात संयंत्र की टाउनशिप की पूरी सड़कें अच्छी हैं। हुडको, खुर्सीपार और छावनी क्षेत्र की अंदरूनी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। कुछ सड़कें ऐसी भी हैं, जिनका संधारण बाकी है।

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