गोरखपुर की गलती नहीं दोहराएगी कांग्रेस, यूपी उपचुनाव को लेकर लिया यह बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश उपचुनाव में कांग्रेस ऐसा कुछ भी नहीं करने वाली है, जिससे महागठबंधन की संभावनाओं पर कोई बुरा असर पड़े. इस महीने के अंत में होने वाले कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस अपना कैंडिडेट नहीं उतारने जा रही है. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि पार्टी इस कदम से विपक्ष के महागठबंधन की उम्मीदों को बढ़ाना चाहती है, ताकि इन दो सीटों पर बीजेपी को हराया जा सके. कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि इस कदम से इन दो सीटों पर बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्ष के महागठबंधन की संभावनाओं में सुधार होगा.
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के अंतिम समय में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन ने न सिर्फ बीजेपी को दोनों सीटों से हराया था, बल्कि दो दशक से सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर की सीट पर भी सपा-बसपा गठबंधन ने जीत दर्ज की थी. यह अप्रत्याशित जीत ने विपक्ष के खेमे में उम्मीद की किरण पैदा की थी, और इससे यह स्पष्ट संकेत गया कि अगर विपक्ष अपने कार्ड सही से खेलता है तो वे 2019 में बीजेपी को हरा सकते हैं. 
 

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