कांग्रेस बोली, चीफ जस्टिस खुद तय करें उन्हें काम करना चाहिये या नहीं

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ महाभियोग मामले में प्रेस कांफ्रेंस को ले कर उठ रहे सवालों पर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि महाभियोग की जानकारी मीडिया को न देने का कोई नियम नहीं है।
 इस पर सवाल उठाने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिसंबर 2009 में जस्टिस दिनाकरन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने के बाद माकपा महासवि सीताराम येचुरी के साथ मीडिया को संबोधित किया था। एक अन्य नेता विवेक तन्खा ने सीजेआई को अपने ऊपर लगे आरोपों के लिए खुद जांच बिठाने का सुझाव दिया।
दूसरे सांसद तन्खा  ने कहा कि विवाद सीजेआई के पद के दुरुपयोग जैसे गंभीर मामले का है। सरकार के एक मंत्री इसे सीजेआई के गृह राज्य ओडिशा से जोड़ कर राज्य का अपमान बात रहे हैं। क्या सीजेआई सिर्फ ओडिशा के जज हैं? तन्खा ने कहा कि होना तो यह चाहिए कि सीजेआई अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ खुद जांच बैठा दें। उन्हें यह भी तय करना चाहिए कि ऐसी स्थिति में जब उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस गया है तो उन्हें बतौर जज काम करना चाहिए या नहीं।
 

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