नागरिकता संशोधन बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिलने पर सोनिया गांधी ने कहा है कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है.
सोनिया ने कहा कि यह संकीर्ण मानसिकता की जीत और भारत की बहुलता पर कट्टरवाजी तत्वों की जीत है.
बिल पर चर्चा करते हुए गुलाम नबी आजाद ने पूछा कि इस बिल में केवल तीन देशों का और सिलेक्टिव धर्मों का ही चुनाव क्यों किया गया है.
आजाद ने कहा कि भूटान, श्री लंका और म्यांमार में भी हिंदू रहते हैं और अफगानिस्तान के मुसलमानों के साथ भी अन्याय हुआ लेकिन उनको विधेयक के प्रावधान में शामिल नहीं किया गया है.