बीते 72 सालों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख एक ही राज्य का हिस्सा रहे अब अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख रात को 12 बजे के बाद से यूनियन टेरिटरी बन गए.
देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके को सरकार ने इस बदलाव के लिए चुना था. जम्मू-कश्मीर का अब कोई अलग झंडा और संविधान नहीं होगा.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 106 केंद्रीय कानून सीधे तौर पर लागू हो जाएंगे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुलिस महकमे में सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज होंगे.
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए कर्मचारियों की कमी बनी है, जिससे जम्मू-कश्मीर से कर्मचारियों को भेजा जाएगा. इसके अलावा पर्यटन, विद्युत ऊर्जा, बागवानी क्षेत्रों में सुधार से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा.