मोदी के दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण भारत की मंदी का चेहरा बन गई हैं

  • 60 वर्षीय निर्मला सीतारमण मई में कार्यभार संभालने के बाद दो चौंकाने वाले डेटा के साथ मंत्रालय पहुंची थीं.
     
  • पहले डेटा में 2018-19 की अंतिम तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत से कम हो गई थी और पूरे वर्ष की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रह गई थी और दूसरे डेटा में पता चलता है कि 2017-18 में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत को छू गई थी.
     
  • लेकिन एक के बाद एक आर्थिक संकेत हर दूसरे हफ्ते बुरी खबर लाने लगे जिसके बाद निर्मला सीतारमण मंदी का चेहरा बन गई हैं.

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  • जेएनयू की पूर्व स्टूडेंट निर्मला की व्यापारियों ने आलोचना की और मोदी समर्थकों द्वारा निशाना बनाया गया है.
     
  • भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने विशेष रूप से बैंकों के विलय के बारे में संदेह व्यक्त करते हुए आर्थिक नीति की कमी के लिए मंत्री पर निशाना साधा है.

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