विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक़ फ़िलहाल 18 फ़ीसदी भारतीय डिप्रेशन यानी अवसाद के शिकार हैं.
डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है भारत में मेंटल हेल्थ एक चिंता का विषय है और बड़ी तादाद में मौजूद हैं लेकिन इस मुद्दे पर मौजूद आंकड़ो से वो सहमत नहीं दिखते.
उनका कहना है, "सरकार इसके प्रति गंभीर है और मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 में दिए गए प्रावधानों के तहत क़दम भी उठा रही है.इनमें से एक आत्महत्या को अपराध की श्रेणी से बाहर निकालना भी है.''