गांधी जयंती के एक दिन पहले मुख्यमंत्री बघेल ने भाजपा और आरएसएस से गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगाने की मांग की, तो गांधी और गोडसे पर सियासत गरमा गई थी। सड़क से लेकर सदन तक कांग्रेस और भाजपा गांधी प्रेम दिखाने में लगे रहे।
गांधी पर विधानसभा का विशेष सत्र खत्म हुआ कि राम प्रेम शुरू हो गया।