गांधी बच जाते तो गोडसे के प्रति रखते दया का भाव : भाजपा MLA
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा नाथूराम गोडसे को फांसी हुई, यदि उस घटना में गांधी बच जाते तो गोडसे के प्रति वह दया का भाव रखते।
आजादी के तत्काल बाद जो सरकार बनी उसमें गांधी के विचारों का, उनकी भावनाओं का कभी ध्यान नहीं दिया गया।
स्वच्छता, शिक्षा के लिए जो काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। वह गांधी के विचारों को आगे बढ़ाने जैसा है। गांधी कहते थे संवाद हमेशा बने रहना चाहिए। उन्होंने हिटलर और मुसोलिनी को भी चिट्ठी लिखी थी।
आरएसएस के कार्यक्रम में भी गांधी गए थे। गांधी ने इस बात की प्रशंसा की थी कि शाखा में लोग एक दूसरे की जाति को नहीं जानते हैं। अस्पृश्यता के इस भाव को उन्होंने सराहा था। संघ की शाखा में प्रात: स्मरण में महात्मा गांधी और भीमराव आंबेडकर को भी याद किया जाता है।
मंत्री बच्चों के बीच जाकर कहता है कि बड़ा आदमी बनना है तो कलेक्टर-एसपी को जूता मारो। ये कैसी विचारधारा है। क्या ये गांधी को मानने वाले लोग है। गांधी असहयोग आंदोलन की बात करते थे, कभी कॉलर पकड़ने और जूता मारने की बात नहीं करते थे।