राष्ट्रनिर्माण में व्यस्त हमारी महिला नेता रेप के मामलों पर क्यों मौन हैं ?
पिछले दिनों अमित शाह ने एक कार्यक्रम में बिल्कुल प्राचीन इतिहास के नायकों की तरह कहा था कि औरतों की ‘इज्जत’ के लिए युद्ध भी करना पड़े तो करेंगे.
लेकिन आश्चर्यजनक रूप से भाजपा में कई महिला नेता हैं, जो कैबिनेट मंत्री हैं लेकिन भाजपा द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरा करने में ये इतनी व्यस्त हैं कि रेप जैसे छोटे मामलों को देखने के लिए फुर्सत नहीं है.
चाहे मामला उन्नाव रेप केस हो या फिर चिन्मयानंद से जुड़ा यौन शोषण का, हमारी नेत्रियां राष्ट्रनिर्माण में इतनी व्यस्त हैं कि ऐसे मामलों पर एक ट्वीट तक नहीं कर सकतीं.
भाजपा में जाने के बाद सबके पाप 'धुल' जाते हैं, ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या देश की पचास करोड़ महिलाएं भाजपा ज्वाइन कर लें तो उन्हें किसी तरह के रेप थ्रेट से मुक्ति मिल जाएगी?
क्या भारत की औरतों की सुरक्षा बस एक मिस्ड कॉल के लिए रूकी है? एक मिस्ड कॉल दें राष्ट्रनिर्माण के लिए और रेप थ्रेट से मुक्ति पा जाएं?