कांग्रेस में गुटबाजी, सोनिया लेंगी कड़े फैसले?

अगला हफ्ता कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। आम चुनाव में करारी हार के बाद कई मोर्चों पर संकट का सामना कर रही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कड़े फैसले ले सकती हैं। कम से कम कांग्रेस के 6 महत्वपूर्ण नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अभी नहीं, तो कभी नहीं जैसे हालात है। इन नेताओं ने संकेत दिया कि वे लंबे समय तक पार्टी में इस तरह दिशाहीनता के हालात में नहीं रह सकते। इनमें अधिकतर पार्टी के युवा नेता है। इसके बाद पार्टी में हरकत हुई है।
 हरियाणा में कांग्रेस के लिए अभी संकट कम नहीं
अगले कुछ दिनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने वाला है। पार्टी अभी तक इन तीनों राज्यों में अंदरूनी संकट से गुजर रही है। हरियाणा में लंबे समय से चल रहे नेतृत्व का मसला तो सुलझ गया, लेकिन उससे संकट कम नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार कुमारी सैलजा को पार्टी अध्यक्ष बनाने के बाद भी नाराजगी कम नहीं हो रही है। वहीं बिहार में भी पार्टी के दो धड़ों में विभाजित होने की खबरें आ रही है। इनमें से एक धड़ा आरजेडी से गठबंधन तोड़ने की सलाह दे रहा है।
एमपी और राजस्थान सरकार पर संकट दूर करने की चुनौती
कर्नाटक में सरकार गंवा चुकी कांग्रेस के लिए अब मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपनी सरकार बचाने की चुनौती है। दोनों राज्यों में गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। अगले हफ्ते दोनों नेताओं को सोनिया गांधी ने अलग-अलग बुलाया है। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत चाहते हैं कि एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत का पालन करते हुए डेप्युटी सीएम सचिन पायलट राज्य अध्यक्ष का पद छोड़ दे।
वहीं मध्य प्रदेश में तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी बहुत गंभीर है। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने सभी नेताओं से संदेश भेजवाया कि अगले एक हफ्ते में वह सभी से बात करेगी। उन्होंने बाकी नेताओं को भी बयानबाजी से दूर रहने की हिदायत दी है। इसके अलावा पार्टी सीनियर नेताओं पर जांच एजेंसियों की बढ़ती दबिश के बाद उपजे हालात पर भी चर्चा करेगी। पार्टी इस मुद्दे पर सियासी लड़ाई लड़ने की योजना बना रही है।
प्रदेश में कलह के बीच सोनिया से मिले कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार के बीच विवाद की पृष्ठभूमि में राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सिंघार का मुद्दा पार्टी की अनुशासन समिति को भेजा जाएगा। वहीं कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने शुक्रवार शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपी।
बाबरिया बोले-सोनिया गांधी को दे दी है रिपोर्ट
सोनिया से मुलाकात के बाद बाबरिया ने कहा कि राज्य में पार्टी से जुड़ी हाल की घटनाओं और पार्टी की स्थिति को लेकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट दे दी है। उन्होंने यह भी कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वरिष्ठ नेताओं का सम्मान होना चाहिए। दरअसल बाबरिया की सोनिया से मुलाकात उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के बीच बयानबाजी की पृष्ठभूमि में हुई है।
गुटबाजी से दिग्विजय सिंह का इनकार
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में न तो पहले कोई गुटबाजी थी, न ही आज है। इस बारे में मीडिया के लोग ही खबरें चलाते रहते हैं। इस दौरान उन्होंने असम में घुसपैठियों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के पुराने दावों पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी एनआरसी की आड़ में जनता को भ्रमित कर रही है।
कांग्रेस के सामने सवाल:
1. महाराष्ट्र में चुनाव से पहले एनसीपी के अलावा छोटे-छोटे दलों से गठबंधन का मसला।
2. झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन करना।
3. हरियाणा में चुनाव से पहले सभी नेताओं के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित करना।
4. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया बनाम दिग्विजय सिंह के झगड़े को निबटाकर सरकार को खतरे से निकालना।
5. राजस्था में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मसले को सुलझाना।
6. दिल्ली में पार्टी को नए स्तर पर गठित करना।
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