37 साल तक तानाशाही करने वाले राबर्ट मुगाबे कभी जिम्बामब्वे के अश्वेत लोगों के मसीहा थे

 
  • 37 साल तक जिम्बाब्वे की सत्ता पर राज़ करने वाले पूर्व राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे का ९५ वर्ष की उम्र में निधन हो गया है.
  • मुगाबे के उत्तराधिकारी एमसर्न सनान्गाग्वा ने उनके निधन की जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए मुगाबे को 'मुक्ति का प्रतीक बताया'.
  • राबर्ट की शख्सियत काफी विरोधाभास रही है. एक तबके के लिए वे अपने स्वार्थ के लिए जिम्बाव्बे की अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाले खलनायक थे. वहीं एक बड़े वर्ग के लिए वे हीरो थे जिसने जिम्बाब्वे को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई.
  • मुगाबे ने अपनी पहचान 60 के दशक में श्वेत अल्पसंख्यकों के दमन के खिलाफ छापामार युद्ध छेड़ कर बनाई थी. जिसके बाद वे 1980 में प्रधानमंत्री बने और 1987 में पद समाप्त करके खुद को जिम्बाब्वे का राष्ट्रपति घोषित कर दिया.
  • सैन्य तख्तापलट के कारण राबर्ट मुगाबे को 2017 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.

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