भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर साझा की मन की बात, जाानिये क्‍या कहा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व सांसद शांता कुमार ने कहा कि वह सोशल मीडिया में बहुत कम और कभी-कभी कुछ लिखते हैं। 12 सितंबर को जन्मदिन से कुछ पूर्व उन्होंने अपने मन की बात कही थी। उन्हें दु:ख है कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया।
शांता कुमार ने कहा कि वह कई बार कह चुके हैं कि भारत के राजनीतिक नेताओं में सबसे अधिक संतुष्ट और प्रसन्न यदि कोई है तो निश्चित रूप से वह (शांता कुमार) हैं। उन्हें प्रभु ने और पार्टी ने क्या नहीं दिया और उन्होंने भी जी भर कर देश और प्रदेश की सेवा की है। उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें किसी भी प्रकार से असंतुष्ट कहकर उनके साथ अन्याय न करें। अब चुनाव नहीं लड़ूंगा और वैसे भी इस आयु में जवानी की तरह सक्रियता नहीं रह सकती और उन्होंने विवेकानंद ट्रस्ट में और अधिक काम करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहीं से किनारा नहीं किया, न ही कभी करेंगे।
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शांता कुमार ने कहा कि धर्मशाला उपचुनाव जीतना हम सबकी जिम्मेदारी है। पिछले लोकसभा चुनाव में वह उम्मीदवार नहीं थे, परंतु पहले से भी अधिक सक्रिय होकर चुनाव में काम किया और जनता ने भी समर्थन का नया रिकार्ड बनाया था। कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट देश में प्रथम रही। धर्मशाला उपचुनाव ही नहीं, पार्टी के किसी भी काम में उन्हें सबसे आगे पाओगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए हमारा सुझाव होता है, हमारा कोई उम्मीदवार नहीं होता।
उम्मीदवार तो पार्टी का होता है। पार्टी जो भी निर्णय करेगी वही उनका भी निर्णय होगा। शांता कुमार ने कहा कि मंत्रियों के कामकाज के संबंध में विचार और निर्णय लेना केवल मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, फिर भी यह सही है कि मंत्री हमारे हैं, तो उन्हें उनके संबंध में सब प्रकार की चिंता भी रहती है। वे अपने मंत्रियों से मिलते भी रहते हैं, बात भी होती रहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बड़े स्तर पर सेवा सप्ताह मना रही है। उन्होंने उससे पहले ही अपने जन्मदिन पर विवेकानन्द सेवा केंद्र में सेवा करने का संकल्प किया है। सभी मित्रों को इस बात की विशेष प्रसन्नता होनी चाहिए।

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