उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सभी पार्टियों में मंथन चल रहा है लेकिन बीजेपी ने एक बार चुनावों में जीत के लिए अपने मास्टर कार्ड पर ही भरोसा किया है और वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. उसी के चलते प्रधानमंत्री सितंबर महीने में उत्तरप्रदेश में कई कार्यक्रम करेंगे.
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'भारत और Far East का रिश्ता बहुत पुराना'2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही चुनावी राजनीति का सबसे बड़ा नाम नरेंद्र मोदी हो गया है. उनके नेतृत्व में बीजेपी जितने भी चुनाव लड़ी, उनमें से ज़्यादातर चुनावो में जीत हासिल की है. उसी के चलते बीजेपी अपना हर चुनाव उन्ही के नेतृत्व में लड़ती है और इस बार उत्तर प्रदेश उपचुनावों के लिए भी बीजेपी मोदी पर भरोसा कर रही है. उसी के चलते प्रधानमंत्री के सितंबर माह में ही चार से पांच बड़े कार्यक्रम पूरे प्रदेश में करने वाले हैं. हालांकि उनके ये सभी कार्यक्रम सरकारी योजनाओं के शुभारंभ या सरकारी हैं लेकिन इनसे पार्टी को राजनीतिक लाभ भी मिलने की उम्मीद की जा रही है. पार्टी इसे पूरी तरह उपचुनावों में भुनाने को तैयार है.
प्रधानमंत्री 9 सितम्बर को ग्रेटर नोयडा में एक्सपोर्ट के कार्यक्रम में शामिल होंगे. उसके बाद 11 सितम्बर को मथुरा में पशुओं के रोगों को लेकर शोध संस्थान के उद्घाटन में शामिल होंगे. इसके बाद 15-16 सितंबर को कानपुर का कार्यक्रम है और उसके बाद वाराणसी के कार्यक्रम हैं.
हालांकि प्रधानमंत्री के सभी कार्यक्रम सरकारी हैं लेकिन विपक्ष लगतार हमलावर है और विपक्ष का मानना है कि बीजेपी के पास अपने कामों के आधार पर दिखाने या बताने को कुछ नहीं है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल खराब है तो अब बीजेपी के पास सिर्फ मोदी ही रह गए हैं, जिनके कंधों पर भरोसा करके वो चुनाव में जा रहे हैं. जनता इस बार उनको सबक सिखाएगी.