समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनके खिलाफ 80 केस दर्ज हो चुके हैं और कई मामलों में उन्हें कोर्ट से अग्रिम जमानत भी नहीं मिल सकी है. इसी क्रम में गुरुवार को आजम खान के खिलाफ दर्ज पांच मामलों में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. रामपुर ज़िला जज की अदालत ने आज़म की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इन मामलों में किसानों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी, हवालात में बंद करने और जबरदस्ती किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप शामिल हैं.
दूसरी तरफ, आजम खान की पत्नी और राज्यसभा सांसद तजीन फातमा भी मुश्किलों में हैं. उनके खिलाफ एक और मामले में जांच शुरू हो गई है. दरअसल, रामपुर में तजीन फातमा ने कामधेनु योजना के तहत दूध की डेयरी खोली थी. सपा शासन के दौरान कामधेनु योजना शुरू की गई थी. इस योजना की पात्रता और योजना के तहत दिए गए कर्ज की जांच शुरू हो गई है. ज़िला स्तर पर गठित स्टैंडिंग कमेटी इस मामले की जांच कर रही है.
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'भारत और Far East का रिश्ता बहुत पुराना'80 मुकदमों वाले पहले सांसद बने आजम खानबता दें कि इससे पहले बुधवार को आजम खान, उनके करीबी पूर्व सीओ आले हसन खान सहित छह लोगों पर दो और मुकदमें दर्ज हुए. इस तरह आजम पर अब तक 80 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. आजम खान देश के पहले सांसद हैं, जिनके खिलाफ इतने ज्यादा मामले दर्ज हैं. बुधवार को नासिर और साजिद की शिकायत पर आईपीसी की धारा 452, 427, 448, 395, 504, 506, 323 और 120 B के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.