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एक भी बच्चा निरक्षर तो यह समाज का दुर्भाग्य : CM योगी आदित्यनाथ

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षण के लिए प्रदेश के 49 शिक्षकों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद शिक्षक की भूमिका में नजर आए। शिक्षकों को उनकी महती भूमिका के प्रति सचेत करते हुए उन्होंने स्कूलों में बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने की अपील की। कहा कि यदि एक भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित रह जाता है या निरक्षर रह जाता है तो यह सिर्फ उस बच्चे का नहीं बल्कि पूरे समाज का दुर्भाग्य है। यह भी कहने से नहीं चूके कि बेसिक शिक्षा में महिला शिक्षक बेहतर योगदान दे सकती हैं, बशर्ते वे नियमित स्कूल जाएं। 
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इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में योगी ने कहा कि एक बच्चा अपनी मां और प्राथमिक शिक्षा देने वाले शिक्षकों को कभी विस्मृत नहीं कर सकता। परिश्रम और पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं होता, शिक्षक बच्चों को यह सिखाएं। उन्हें सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रखकर व्यावहारिक ज्ञान से भी परिपूर्ण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार 49 पुरस्कृत शिक्षकों में 20 महिलाएं हैं, अगले वर्ष उनकी संख्या पुरुष शिक्षकों से ज्यादा होनी चाहिए। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक शिक्षक को 25 हजार रुपये, अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और मां सरस्वती की प्रतिमा भेट की गई।
शिक्षक ट्रेड यूनियन नहीं
योगी ने कहा कि शिक्षक और उनके संघ ट्रेड यूनियन नहीं हैं जिन्हें अपनी मांगें मनवाने के लिए सड़क पर उतरने की जरूरत पड़े। कहा कि हम खुद आपके पास आएंगे। चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि शिक्षक पहले जब जनगणना कार्य कराते थे तो जनगणना सटीक होती थी। अब शिक्षक जनगणना नहीं करना चाहते। जब शिक्षक जनगणना नहीं करेंगे तो घर-घर से कैसे जुड़ेंगे। 
स्कूलों के विकास के लिए जनसहभागिता जरूरी
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि स्कूलों में अवस्थापना विकास के लिए वे सिर्फ सरकारी इमदाद पर निर्भर न रहें बल्कि जनसहभागिता के जरिये संसाधन जुटाएं। उन्होंने सम्मान पाने वाले एक प्रधानाध्यापक को साधुवाद दिया जिन्होंने अपने पास से स्कूल के विकास पर 15 लाख रुपये खर्च किये।
 
 

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