धुर्वा के कुटे में बन रहा विधानसभा का नया भवन इतिहास बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. 12 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे.
'ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो प्रधानमंत्री से बिना डरे बात कर सकें'करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस भवन की खूबसूरती देखने लायक होगी. भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. इस लिहाज से नये परिसर के अंदर बिजली की आपूर्ति का भी खास ख्याल रखा गया है. विधानसभा के पुराने भवन में जहां सत्र चलने के दौरान 500 केवीए का लोड था, वहीं अब उच्च क्षमता वाले उपकरणों को चलाने के लिए इस लोड में सात गुना का इजाफा किया गया है. विधानसभा के नये भवन में बिजली का कुल लोड अब 3500 केवीए का होगा. नये परिसर को ग्रिड से कनेक्ट कर दिया गया है.
पुरानी और नयी व्यवस्था में कितना है अंतरवर्तमान में विधानसभा भवन को 11 केवी लाइन से सप्लाई मिलती थी, जबकि नया परिसर 33 केवी हाइटेंशन लाइन से जुड़ा होगा. पहले सत्र के दौरान बिजली कटने से विधायकों को असुविधा होती थी क्योंकि पूर्व में विधानसभा सब स्टेशन से सात अन्य फीडरों को भी सप्लाई होती थी.
'ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो प्रधानमंत्री से बिना डरे बात कर सकें'नये परिसर के अंदर डेडिकेटेड सबस्टेशन होगा, जो सिर्फ इस परिसर के लिए होगा. पुराने विधानसभा में आपात स्थिति में एचएमटीपी सोर्स से बिजली लेकर काम चलाया जाता था, लेकिन अब इसकी जरूरत पूरी तरह खत्म हो गयी है, क्योंकि यह सीधे ग्रिड से कनेक्ट रहेगा.
नया भवन हटिया ग्रिड से जुड़ा होगा, जहां से सीधे विधानसभा को बिजली आपूर्ति की जायेगी. यानी अब ग्रिड के ठप पड़ने पर ही विधानसभा पर इसका असर पड़ेगा, जिसकी संभावना नहीं के बराबर रहती है. इसके अलावा यहां सौर ऊर्जा से 40 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था अलग से होगी.