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2 साल में दूसरी बार यूपी की जनता को लगा करंट, बिजली 15% तक हुई महंगी

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से आम आदमी को दूसरी बार महंगी बिजली का करंट लगा है. सरकार ने 12 फीसदी तक बिजली महंगी कर दी है. इससे पहले योगी सरकार ने साल 2017 में बिजली की दरों में करीब 12.73 फीसद का इजाफा किया था. इसके पीछे सरकार का तर्क है कि बिजली कंपनियों के व्यय और लागत में बढ़ोतरी हुई है और राजस्व में कमी आई है.
यूपी की जनता पर महंगी बिजली की मार
दरअसल नई बिजली दरों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 8 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. जिससे प्रति यूनिट 60 पैसे तक रेट बढ़ गए हैं. दो किलोवाट के एक उपभोक्ता जो हर महीने 200 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं, उन्हें अब हर महीने 101 रुपये अधिक खर्च करने होंगे. ग्रामीण इलाकों में फिक्स चार्ज 400 से बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है. नियामक का कहना है कि प्रदेशवासियों को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए रेट में इजाफा किया गया है.
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की मौजूदा बिजली दरें 4.90 से 6.50 रुपये प्रति यूनिट है, जिसमें 12 फीसदी तक का इजाफा किया गया है. यह बढ़ोतरी होने से सबसे अधिक बोझ 68 लाख शहरी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. दो से 5 किलोवाट तक उपभोक्ताओं के हर महीने बिल में औसतन 100 से 300 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
 
किसानों को भी बड़ा झटका
ग्रामीण कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं को पहले से 15 फीसदी अधिक बिजली बिल भरेगा पड़ेगा, अब इन्हें 50 रुपये फिक्स चार्ज और तीन रुपये प्रति यूनिट (100 यूनिट तक) लगेगा जो अभी तक नहीं लगता था. उत्तर प्रदेश में करीब 2 करोड़ 70 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. पावर यूटिलिटी उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने 25 फीसदी तक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
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फिलहाल उत्तर प्रदेश में ग्रामीण उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक के इस्तेमाल पर 3.0 रुपये प्रति यूनिट, 100 से 150 यूनिट तक 3.50 रुपये प्रति यूनिट और 150 से 300 यूनिट के लिए 4.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना पड़ता है.
वहीं, शहरी इलाके में उपभोक्ता 0-150 यूनिट तक तक के खर्च पर 4.90 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल भरते हैं. जबकि 151 से 300 यूनिट तक 5.40 रुपये और 500 यूनिट से ज्यादा इस्तेमाल पर 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करते हैं.

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