राजस्थान के अलवर में
मॉब लिंचिंग (Alwar Mob Lynching) के शिकार बने पहलू खान (Pehlu Khan) मामले में अदालत द्वारा छह आरोपियों को बरी कर दिया गया. इसका भारी विरोध होने के बाद राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने मामले की जांच के लिए एसआईटी (Special Investigation Team) गठित कर दी. अब
एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने से घटना से जुड़े कुछ और नए वीडियो सामने आए हैं. बताया जा रहा है इस वीडियो के सामने आने से मॉब लिंचिंग की इस घटना में आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है. दावा किया जा रहा है कि नए वीडियो में कुछ ऐसे भी चेहरे हैं, जिनके अभी तक सिर्फ नाम या कपड़ों के रंग की पहचान ही सामने आ रही थी. उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं थे.
पहलू खान मामले (Pehlu Khan Case) में पैरवी कर रहे वकील असद हयात ने न्यूज़ 18 हिंदी को बताया कि पुलिस जांच के दौरान कोर्ट में कोई भी वीडियो पेश करने में नाकाम रही है. दो वीडियो के आधार पर कुछ फोटो पेश किए गए थे, लेकिन बिना वीडियो के कोर्ट ने उन्हें सबूत मानने से इनकार कर दिया.
सामने आए पांच नए वीडियोहयात ने बताया, 'हरियाणा में रह रहे पीड़ित पक्ष की ओर से 20 सितंबर को कोर्ट में अपील दायर की जाएगी. इस अपील के साथ ही ये पांच वीडियो भी कोर्ट में रखे जाएंगे. इसके साथ 65B का सर्टिफिकेट भी जमा किया जाएगा जो इस बात का गवाह होगा कि पेश किए जा रहे वीडियो घटना से संबंधित हैं और उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. ये पांचों वीडियो 1.24 मिनट, 1.08 मिनट, 0.24 सेकेंड, 0.08 सेकेंड और 0.05 सेकेंड के हैं.'
विरोध करना कब से लोकतंत्र और देश विरोधी हो गया?वीडियो में दिखे नीली, लाल और सफेद शर्ट पहने लोगएडवोकेट असद हयात बताते हैं, 'पूरे केस के दौरान अब तक पांच लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें न तो कभी पूछताछ के लिए बुलाया गया और न ही जांच का हिस्सा बनाया गया. चार्जशीट में इनका जिक्र भी है. वीडियो में नीली, लाल और सफेद शर्ट वाले को बबलू का लड़का, सुरेंद्र का लड़का और शिवदार का लड़का कहकर संबोधित किया गया है. नए वीडियो सामने आने के बाद इन्हें आरोपी बनाया जा सकता है.'
नए वीडियो में बरी हुए कुछ लोगों के चेहरेवीडियो के आधार पर हयात ने जानकारी देते हुए कहा, 'कोर्ट में पेश किए जा रहे पांचों वीडियो को देखें तो इसमें कई चेहरे ऐसे भी हैं जो हाल ही में सबूत के अभाव में बरी कर दिए गए थे. जांच अधिकारी ने ऐसे लोगों के सिर्फ फोटो ही कोर्ट में पेश किए थे. लेकिन, जिस वीडियो से फोटो बनाए गए थे उस वीडियो को कोर्ट में नहीं रखा गया था.'