दिग्विजय पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप, मंत्री ने सोनिया को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश कांग्रेस का झगड़ा अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दरवाजे तक पहुंच गया है. सूबे के वन मंत्री उमंग शिंगर ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी से शिकायत की है.
वन मंत्री उमंग शिंगर ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह अपनी ही सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं और प्रदेश में एक वैकल्पिक सत्ता केंद्र बनाने की फिराक में हैं. शिंगर ने 'इंडिया टुडे' से इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. हालांकि उन्होंने पत्र का संदर्भ नहीं बताया कि उसका लब्बोलुआब क्या है.
सत्ता का केंद्र बने दिग्विजय
हालांकि 'इंडिया टुडे' को पत्र के बारे में जानकारी मिली है जिसमें शिंगर लिखते हैं, 'काफी दुख के साथ मैं इसे आपके संज्ञान में ला रहा हूं कि दिग्विजय सिंह खुद को वैकल्पिक सत्ता केंद्र के रूप में स्थापित करने की कोशिश करते हुए कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं. वे लगातार मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों को पत्र लिख रहे हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर जारी कर रहे हैं. ऐसा करके वे विपक्षी बीजेपी को सरकार पर हमला करने के लिए गोला-बारूद मुहैया करा रहे हैं.'  
सिंगर पत्र में आगे लिखते हैं, 'शुक्रवार 30 अगस्त को दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को एक ऐसा ही पत्र लिखकर उनकी ओर से किए गए तबादलों और पोस्टिंग की सिफारिशों पर कार्रवाई के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने सोशल मीडिया पर भी पत्र जारी किया. इसके बाद विपक्षी बीजेपी ने इस अवसर को लपक लिया और सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं.'
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घोटालों की जांच की मांग
दिग्विजय सिंह के पत्र का वन मंत्री उमंग शिंगर ने क्या जवाब दिया? पत्रकारों के इस सवाल पर शिंगर ने कहा, 'प्रदेश का हर व्यक्ति इसके बारे में जानता है. सरकार और विपक्ष में भी हर व्यक्ति यह जानता है कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं, तब उन्हें पत्र लिखने की क्या जरूरत है.'
शिंगर ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह व्यापमं घोटाला, टेंडर घोटाला और पौधरोपण घोटाला जैसे मामले काफी उछाल रहे हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन वे सिंहस्थ या उज्जैन कुंभ मेला घोटाले की रत्ती भर बात नहीं करते.
शिंगर ने कहा, 'सिंहस्थ घोटाला उनके बेटे जयवर्धन सिंह के शहरी प्रशासन विभाग की देन है. जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि उज्जैन कुंभ में कोई घोटाला नहीं हुआ, जबकि तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था.'
मध्य प्रदेश में दिग्विजय खेमे और कमलनाथ खेमे के बीच मनमुटाव जाहिर है लेकिन हाल के दिनों में इसमें काफी तेजी देखी जा रही है. दिग्विजय सिंह कई दफे अपनी ही सरकार को मुश्किल में डालते दिखते हैं.

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