मध्य प्रदेश में (MADHYA PRADESH)कमलनाथ सरकार (KAMALNATH GOVERNMENT)से ज़्यादा तेज़ चाल से विवाद और खींचतान चल रहा है. किसी ना किसी वजह से विवाद बना हुआ है. पहले मंत्री ना बनाए जाने से पार्टी और साथी विधायकों की नाराज़गी, पीसीसी चीफ (PCC CHIEF)के लिए खींचतान, दिग्विजय सिंह की चिट्ठी और अब उमंग सिंघार के बयान ने बैठे बिठाए सबको मुद्दा दे दिया है. बयानबाज़ी बढ़ी और शिवराज ने भी सवाल दाग़ दिया तो सीएम कमलनाथ भी आगे आए औऱ बोले- जनता को सब पता है.
दिग्विजय समर्थक VS सिंधिया फैंसवन मंत्री उमंग सिंघार ने बयान दिया कि सूबे में सरकार कमलनाथ की है लेकिन इसे परदे के पीछे से इसे दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. उनके बयान देने की देर थी कि दिग्विजय सिंह के समर्थक मंत्री मैदान में आ डटे.पीसी शर्मा, सचिन यादव, ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने मोर्चा संभाला और अपने-अपने तर्क रखना शुरू किए. इन नेताओं ने कहा दिग्विजय सिंह पार्टी के दिग्गज नेता होने के साथ ही राज्यसभा सांसद हैं. जन हित से जुड़े मामलों पर सरकार के मंत्रियों से पूछने का उन्हें अधिकार है.एसे में इसे परदे के पीछे सरकार चलाने जैसे बयानों से जोड़कर नही देखना चाहिए.
शिवराज का सवाल-वही कांग्रेस में घमासान के बीच में शिवराज भी सामने आए.उन्होंने प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा होने का आरोप लगाया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल पूछा कि वो बताएं कि प्रदेश में किसकी सरकार है और कौन चला रहा है.
मोदी के कामकाज से संघ संतुष्ट, समन्वय बैठक अगले सप्ताहमुझे सब पता है-जब बेलगाम और बेवजह की बयानबाज़ी शुरू हुई तो CM कमलनाथ ने भी कम शब्दों में अपनी बात कह दी. उन्होंने साफ कहा कि- प्रदेश में किसकी सरकार है और कौन चला रहा है.ये प्रदेश की जनता जानती है.
PCC चीफ के लिए पार्टी में गुटबाज़ी अभी चरम पर है. सिंधिया समर्थक लगातार दबाव बनाए हुए हैं. अब उमंग सिंघार के बयान ने साफ कर दिया है कि सिंधिया समर्थकों को सरकार और संगठन में दिग्विजय की दख़लंदाजी उन्हें पसंद और बर्दाश्त नहीं. वो तो सिर्फ महाराज को ही आगे बढ़ते देखना चाहते हैं. डैमेज कंट्रोल में जुटे कांग्रेस नेता इसे कितने जल्दी ठंडा कर पाते हैं.ये नेताओं की बयानबाज़ी पर लगने वाली लगाम ही तय करेगी.