आतंकवाद के खात्मे में लोगों का मिल रहा सहयोग, अब 150 से 200 आतंकी ही बचे: फारूक खान

कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या पहले से कम हो चुकी है। कभी यह हजारों में थे और अब 150 से 200 के बीच हैं। यह जानकारी राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने रविवार को जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए दी। वह एक कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे। खान ने कहा कि आतंकियों को या तो जेल जाना होगा या फिर कड़ी सजा झेलनी पड़ेगी।1947 के बाद से ही पाकिस्तान ने कश्मीर की शांति भंग करने की कोशिश की है। फारूक खान ने कहा कि पाकिस्तान से कुछ अच्छा होने की उम्मीद करना गलती होगी। इसलिए उससे सावधान रहना होगा। पिछले कुछ दशक से आतंकवाद से लड़ने में स्थानीय लोगों ने मदद की है। यह लोग हमारी आंखें हैं, जिन्होंने सुरक्षाबलों को आतंकियों से लड़ने में हमेशा मदद की है।
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वह लगातार हमें सहयोग कर रहे हैं। आगे भी सहयोग करते रहेंगे। लोगों के सहयोग के बिना आतंकवाद से नहीं लड़ा जा सकता। खान ने कश्मीर के मौजूदा हालात पर कहा कि अब वहां पर हालात पूरी तरह से सामान्य हो रहे हैं। संचार की थोड़ी बहुत समस्या है, लेकिन 75 फीसदी लैंडलाइन फोन और कुछ इलाकों में मोबाइल सेवा बहाल हो चुकी है।

जल्द ही सब जगह संचार नेटवर्क काम करेगा। आने वाले दिनों में पाबंदियों में और छूट दी जाएगी। राज्य के लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है। राज्य का पुनर्गठन होने से लोगों को फायदा मिलेगा। जो लोग 3 अक्तूबर के बाद देखेंगे। सरकार बहुत जल्द 50 हजार नौकरियां देने जा रही है। इसमें हर एक भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी होगी।

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