jagran

अभय और दुष्‍यंत चौटाला की एकजुटता में छिपे हैं महागठबंधन के भी समीकरण

यदि चौटाला परिवार में फिर एकजुटता होती है और अभय चौटाला व दुष्‍यंत चौटाला एक साथ आते हैं तो हरियाणा की राजनीति में बड़े बदलाव होंगे। चौटाला परिवार की एकजुटता में हरियाणा में महागठबंधन के समीकरण भी छिपे हुए हैं। परिवार को एकजुट करने की खाप पंचायत प्रतिनिधियों की पहल पर सकारात्मक रुख दिखाकर इनेलो नेता अभय चौटाला ने बड़ा दांव खेला है। उन्‍होंने गेंद बड़े भाई अजय व भतीजे दुष्यंत चौटाला के पाले में डाल दी है। पूरे मामले में अजय चौटाला का रुख भी सकारात्‍मक बताया जा रहा है।
सबसे खास बात है कि दोनों भाइयों में अब तक रही तल्‍खी के भी कम हाेने संकेत मिले हैं। अभय चौटाला ने कहा है कि बड़े भाई अजय सिंह चौटाला जो फैसला करेंगे वह उन्‍हें मंजूर होगा। बताया जाता है कि दोनों भाइयों में संवाद मां स्‍नेहलता चौटाला के निधन के बाद उनकी अंतिम क्रिया के दौरान कायम हुआ। श्रद्धां‍जलि कार्यक्रम और अन्‍य क्रिया के दौरान दोनों की तल्‍खी में कमी आई।
इन सबके बीच माना जा रहा है कि खाप पंचायत प्रतिनिधियों की यह पहल कामयाब हुई तो हरियाणा की राजनीति में विपक्ष के महागठबंधन के नए समीकरण भी बन सकते हैं। अभय के सामने पंचायत का फरमान लेकर पहुंचे दलाल खाप के रमेश दलाल ने इस ओर इशारा भी किया। उन्होंने कहा कि पहले पंचायत प्रतिनिधि चौटाला परिवार को एकजुट करेंगे, इसके बाद खाप पंचायत हरियाणा में भाजपा को रोकने के लिए विपक्ष का महागठबंधन तैयार करने में भी भूमिका अदा करेगी। दलाल ने माना कि चौटाला परिवार एकजुट हो जाता है तो फिर भाजपा के सामने इनेलो,जजपा-बसपा सहित भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पार्टी का एक महागठबंधन बन जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की परेशानी से भी वाकिफ हैं पंचायत प्रतिनिधि
किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि देवीलाल परिवार ने किसानों के हितों में काफी कुछ कार्य किया है। इसलिए किसान चाहते हैं कि देवीलाल परिवार का दखल राजनीति में बना रहे। चौटाला परिवार की एकजुटता के प्रस्ताव की जरूरत संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले किसान के साथ एक भी घटना होती थी तो हरियाणा में सरकार बदल जाती थी मगर अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज को बांट दिया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पाँच से नहीं, शून्य की दर से बढ़ रही
उन्‍होंने कहा कि किसान प्रदेश में जगह-जगह धरने पर बैठे हैं मगर सरकार सुन नहीं रही है। किसान वर्ग को अलग-थलग रखने की साजिश रची जा रही है। इसीलिए 36 बिरादरी की पंचायत ने यह बीड़ा उठाया है। दलाल कहते हैं कि पंचायत प्रतिनिधि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की राजनीतिक परेशानी से भी वाकिफ है मगर अभी पंचायत का ध्येय चौटाला परिवार को एकजुट करना है।
अभय ने अजय के समक्ष रखा था एकजुटता का प्रस्ताव
सूत्र बताते हैं कि अभय सिंह चौटाला ने अपनी दिवंगत मां स्नेहलता को श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद 26 अगस्त को अपने बड़े भाई अजय सिंह चौटाला के समक्ष परिवार की एकजुटता का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 21 अगस्त को दिवंगत स्नेहलता की श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान मंच से ही परिवार के बिखराव पर चिंता जाहिर की थी। अभय चौटाला बताते हैं कि उनके बड़े भाई अजय सिंह का रुख सकारात्मक है लेकिन अब उनका फैसला क्या होता है, यह उनसे जुड़े लोगों पर निर्भर है।
'' मैंने यह प्रस्ताव पंचायत से पहले खुद अपने बड़े भाई अजय सिंह चौटाला के समक्ष भी रखा था। अब पंचायत को भी मैंने यही कहा है कि मेरी तरफ से पंचायत का हर फैसले पर फूल चढ़ाए जाएंगे। परिवार की एकजुटता से लेकर महागठबंधन की पहल के लिए भी मेरी तरफ से हां है।

More videos

See All