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रांची : 12 सितंबर को जुटेंगे 65 हजार पारा शिक्षक, पीएम से मांगेंगे न्याय

राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक 12 सितंबर को रांची आयेंगे. शिक्षक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे. हाथों में तिरंगा लेकर प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगायेंगे. यह निर्णय रविवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया. 
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दूबे और हृषिकेश पाठक ने बताया कि सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. जनवरी में हुए समझौते के अनुरूप तीन माह में समझौते की शर्तों पर कार्रवाई होनी थी, लेकिन आज सात माह बाद भी पारा शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हुईं. इससे पारा शिक्षकों में काफी आक्रोश है. 
आगे की रणनीति तय की : मौके पर आंदोलन के आगे की रणनीति की घोषणा की गयी. आंदोलन के अगले चरण में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर राज्य के पारा शिक्षक काला बिल्ला लगाकर जेल भरो आंदोलन करेंगे. 
सभी जिला मुख्यालय में पारा शिक्षक आंदोलन करेंगे. 12 सितंबर को राज्यभर के 65 हजार पारा शिक्षक अपने-अपने जिले से रांची आयेंगे. पारा शिक्षक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे. पारा शिक्षक 12 सितंबर को राज्य भर में कहीं भी किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे. 
इसके बाद पारा शिक्षक 16 सितंबर से आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करेंगे. आंदोलन के अगले चरण में पारा शिक्षक 16 सितंबर से मुख्यमंत्री के जमशेदपुर स्थित आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे. बैठक में विनोद बिहारी महतो, सिंटू सिंह, नरोत्तम सिंह मुंडा, मोहन मंडल, प्रमोद कुमार समेत सभी जिलों के जिला अध्यक्ष शामिल हुए. 
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समझौते के अनुरूप कई मांगें पूरी की गयीं 
 
 सरकार के साथ हुए समझौते के अनुरूप पारा शिक्षकों की कई मांगें सरकार ने पूरी कर दी हैं. पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी कर दी गयी है. बढ़े हुए मानदेय के अनुरूप राशि का भुगतान किया जा रहा है. आंदोलन के दौरान जिन पारा शिक्षकों का निधन हुआ, उनके परिजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा दिया गया है. सेवा शर्त नियमावली बनाने के लिए विभिन्न राज्यों की नियमावली के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है. पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष गठन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है.
 
सेवा शर्त नियमावली बनाने की मांग 
 
राज्य के पारा शिक्षक 15 नवंबर 2018 से 16 जनवरी 2019 तक हड़ताल पर थे. इसके बाद सरकार के साथ पारा शिक्षकों का समझौता हुआ था. 
 
समझौते में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की बात कही गयी थी. 90 दिनों में इसकी प्रक्रिया पूरी होनी थी. पारा शिक्षक अपनी इसी मांग को लेकर फिर आंदोलन कर रहे हैं. पारा शिक्षकों का कहना है कि अगर जल्द उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो आनेवाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जायेगा.
चुनाव कार्य का भी करेंगे बहिष्कार
पारा शिक्षक चुनाव कार्य का भी बहिष्कार करेंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि पारा शिक्षकों का मानदेय रोके जाने के मामले में मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही विभागीय पदाधिकारी से मिलेगा.

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