जानिए कौन हैं केरल के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद, वंदे मातरम का किया था उर्दू अनुवाद

लंबे समय तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे कांग्रेस नेता आरिफ मोहम्मद को केरल का राज्यपाल बनाया गया है। प्रगतिशील मुस्लिम चेहरे के तौर पर जाने जाने वाले आरिफ मोहम्मद खान ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम का उर्दू अनुवाद भी किया था। साल 1984 में राजीव गांधी की सरकार में आरिफ मोहम्मद को केंद्रीय मंत्री का दायित्व दिया गया था। आरिफ मोहम्मद ने केंद्र सरकार के तीन तलाक को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले का समर्थन भी किया था और मोदी सरकार की तारीफ की थी। साल 1986 में शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद में कानून बनाकर पलटे जाने का विरोध करते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। 
मेरे लिए यह सेवा करने और केरल को जानने का मौका : आरिफ मोहम्मद
केरल का राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर आरिफ मोहम्मद ने कहा कि यह मेरे लिए सेवा करने का एक मौका है, यह देश के ऐसे हिस्से को जानने का शानदार मौका है जो देश की सीमा से लगा है। ऊर्जा मंत्रालय से लेकर नागरिक विमानन तक कई मंत्रालय संभाल चुके आरिफ मोहम्मद ने कहा कि विविधताओं वाले इस देश में मेरा जन्म होना सौभाग्य की बात है। 

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दो बार कांग्रेस से, एक-एक बार बसपा और जनता दल से गए लोकसभा
आरिफ मोहम्मद कांग्रेस से दो बार और जनता दल व बसपा से एक-एक बार लोकसभा का सदस्य रह चुके हैं। राजनीतिक और सामाजिक मामले के जानकार और एक वक्त में भाजपा के सदस्य रहे आरिफ मोहम्मद खान ने 2004 में पार्टी का हाथ तो थामा था, लेकिन तीन साल बाद ही साल 2007 में भाजपा के साथ-साथ उन्होंने संसदीय राजनीति से भी दूरी बनाने का फैसला ले लिया था।

बुलंदशहर के स्याना तहसील के बारीजोत गांव के मूल निवासी आरिफ मोहम्मद खान 1980 के दशक में कांग्रेस के टिकट से पहली बार कानपुर से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे। पार्टी ने साल 1984 में उनको बहराइच संसदीय सीट से प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा था। इसके बाद वह जनता दल के टिकट से 1989 में चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी।

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