सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जाने वाले कदम उठा रही है। रिजर्व बैंक में जमानत राशि की तरह जमा पैसों को भी भाजपा ने नहीं छोड़ा। बैंकों में तमाम धोखाधड़ी हुई, लेकिन जनहित की उसे कोई परवाह नहीं है। अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट गहरी चिंता का विषय है।अखिलेश ने जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष से 1.76 लाख करोड़ रुपए हासिल करने में सफल हो गई। इस आरक्षित कोष के सदुपयोग के बारे में वित्तमंत्री भी आश्वस्त नहीं हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से कर राजस्व वसूली अनुमान से करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये कम रही है।
जुलाई से सितंबर के मध्य विकास दर और कम होने की आशंका है। भाजपा ने मनमाने तरीके से आरक्षित कोष का पैसा अपने राजनीतिक हित में लगाया तो इससे जनता का बैंकों से विश्वास घटेगा। बेहतर था कि इन पैसों से रोजगार का सृजन होता। युवाओं के आक्रोश को ज्यादा समय तक दबाए रखना विस्फोटक साबित होगा।
अर्थव्यवस्था: बर्बाद हो रहे अर्जेंटीना से भारत की तुलना क्यों'नोटबंदी व जीएसटी से उद्योगों की हालत खस्ता है'
उन्होंने कहा, सच तो यह है कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का खामियाजा आम आदमी को भोगना पड़ रहा है। नोटबंदी व जीएसटी से उद्योगों की हालत खस्ता है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नौकरियां जाने की खबरें आ रही है। आयकर के छापों का आतंक अलग से बाजार में दहशत पैदा किए हुए है। अर्थव्यवस्था अब सातवें नंबर पर पहुंच गई है। किसान, व्यापारी सब तबाह हैं।