स्मृति ईरानी ने बताया अमेठी में जीत का राज, बोलीं - नहीं की वोट बैंक की राजनीति

विगत लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत मिली थी। इस दौरान कई नेताओं ने एतिहासिक जीत दर्ज की, जिनमें  केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम सबसे ऊपर आता है। स्मृति ने इस चुनाव में कांग्रेस के प्रमुख चेहरा राहुल गांधी को उनके गढ़ में जाकर धूल चटाई। स्मृति ने लोकसभा चुनाव में मिली इस जीत को लेकर शनिवार को उन्होंने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें इस चुनाव में इसलिए जीत मिली क्योंकि  उन्होंने नागरिकों को अपना वोट बैंक नहीं समझा। 
ईरानी ने शनिवार रात कोलकाता में आयोजित देवी पुरस्कार के 17 वें संस्करण में ये बात कही। उन्होंने इस दौरान कहा 'जब लोग भूखे हों और आप उनकी बदौलत प्रधानमंत्री बन जाएं, तो ऐसी स्थिति में मैं खुद को सहज नहीं पाती हूं। मैंने पांच साल में उन्हें वोट बैंक नहीं समझा। इस दौरान मैं वास्तव में उनके साथ सहयोगी या परिवार के रूप में जुड़ी थी। इसी वजह से मुझे जीत मिली।' 
राजनीति में नहीं करती एक्टिंग 
स्मृति ने गांधी परिवार का नाम लिए बगैर कहा, 'वह परिवार जो अमेठी की सीट पर पिछले पांच दशक से जीत रहा था। उसे 2019 के चुनाव में नहीं हारना चाहिए था।' साथ ही  उन्होंने यह भी कहा कि वो राजनीति में किसी फिल्मी कलाकार की तरह एक्टिंग करने पर विश्वास नहीं रखतीं।
2014 में राहुल से मिली थी शिकस्त
स्मृति ने इस दौरान कहा कि वो अमेठी के 25 लाख जनता की समस्याओं को तलाशती हैं और पूरे उत्साह के साथ समाधान के लिए काम करती हैं। बता दें कि  2014 लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस दौरान वे हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने लगातार पांच साल वहां के लोगों के लिए काम किया और अमेठी में अपनी पहुंच बनाए रखी। इसके बाद उन्होंने राहुल के खिलाफ 2019 में जीत दर्ज की।

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