असम की आबादी 3.09 करोड़, दस्तावेज 6.7 करोड़, जानिए तकनीक से कैसे संभव हुई एनआरसी प्रक्रिया

असम में नेशनल रजिस्ट्रर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) तैयार करना एक दुर्लभ कार्य साबित हुआ। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2011 की जनगणना के अनुसार जिस प्रदेश की जनसंख्या 3.09 करोड़ थी, वहां नागरिकता के लिए लोगों द्वारा 6.67 करोड़ यानी दोगुने से अधिक दस्तावेज जमा करवाए गए। इनका वेरिफिकेशन एक बड़ी चुनौती थी। इन 6.67 करोड़ दस्तावेज को छांटने के लिए ‘डॉक्समेन’ यानी डॉक्यूमेंट सेग्रगेशन एंड मेटा-डाटा एंट्री सॉफ्टवेयर बनाया गया।
करोड़ों नागरिकों के 24 मार्च 1971 के पहले भारत से संबंध स्थापित करना सबसे चुनौतीपूर्ण था। इसके लिए ‘विरासत डाटा’ नागरिकों द्वारा जमा किए दस्तावेज के आधार बनाया गया। इन दस्तावेज को डिजिटल किया गया और सबसे महत्वपूर्ण इस डाटा को असम के लोगों को मुहैया भी करवाया गया, ताकि खामियों को सुधारा जा सके।

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