ममता का BJP पर निशाना, कहा- NRC के बहाने सियासी फायदा लेने वाले बेनकाब

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची आने के बाद विपक्ष ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता भी एनआरसी से खुश नहीं हैं. BJP नेता और असम सरकार में वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने एनआरसी में हेराफेरी की आशंका जताई है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एनआरसी लिस्ट का विरोध किया है. सीएम ममता ने कहा है कि NRC ने उन सभी को बेनकाब कर दिया है, जिन्होंने राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की.
वहीं हेमंत शर्मा ने कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सारी उम्मीदें छोड़ चुके हैं क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर करने के नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. अंतिम एनआरसी सूची जारी होने से पहले शर्मा ने कहा, 'मैंने एनआरसी को लेकर सभी उम्मीदें खो दी हैं. मैं बस चाहता हूं कि दिन बिना किसी बुरी घटना के शांति से गुजर जाए.' मंत्री ने आगे कहा, 'दिल्ली और असम सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. मुझे नहीं लगता कि यह अंतिम सूची है, अभी और भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है.'
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साथ ही शर्मा ने एनआरसी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आए कई शरणार्थियों को एनआरसी सूची से बाहर निकाला गया है. शर्मा के मुताबिक कई लोगों का आरोप है कि आरोप है कि विरासत संबंधी आंकड़ों से छेड़छाड़ की गई है. इसी के साथ हेमंत बिस्वा शर्मा ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट को असम के बॉर्डर पर स्थित जिलों में कम से कम 20 फीसदी और शेष असम में 10 फीसदी के पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए.
ममता ने किया विरोध
वहीं एनआरसी लिस्ट का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी विरोध किया है. उन्होंने कहा, 'मेरा दिल उन सभी, विशेषकर बड़ी संख्या में बंगाली भाषी भाइयों और बहनों पर जाता है, जो इस प्रक्रिया के कारण पीड़ित हैं.' साथ ही उन्होंने कहा, 'NRC ने उन सभी को बेनकाब कर दिया है, जिन्होंने राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की. उनके पास राष्ट्र को जवाब देने के लिए बहुत कुछ है. ऐसा तब होता है जब समाज की भलाई और राष्ट्र के बड़े हित के बजाय किसी काम को एक उल्टे मकसद से किया जाता है.'
 

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