नेशनल हेराल्ड केस में भाजपा नेता स्वामी ने जिरह में उठाया हिंदी बनाम तमिल का मुद्दा

नेशनल हेराल्ड मामले में जिरह के दौरान भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हिंदी बनाम तमिल का मुद्दा उठा दिया। सोनिया गांधी के वकील द्वारा हिंदी में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि वह एक तमिल हैं। इसलिए उनसे अंग्रेजी भाषा में ही सवाल पूछे जाएं। कोर्ट के दखल के बाद ही यह विवाद शांत हुआ। 
राउज एवेन्यू अदालत के एसीएमएम समर विशाल के समक्ष जब सोनियां गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा ने स्वामी से हिंदी में सवाल पूछा कि जिस सड़क पर .....बिल्डिंग बनी है। इस पर स्वामी ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि कृपया अंग्रेजी में सवाल पूछें। उन्हें पता होना चाहिए कि वह तमिल हैं और कोर्ट की भाषा अंग्रेजी है। 

यह विवाद ज्यादा बढ़ता इससे पहले कोर्ट ने दखल देते हुए कहा कि हिंदी व अंग्रेजी दोनों ही कोर्ट की भाषा है। इस पर स्वामी ने कहा कि वह केवल संस्कृतनिष्ठ हिंदी समझते हैं और उर्दू प्रभवित हिंदी नहीं आती। इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा ने हिंदी में सवाल नहीं पूछा। 

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भाजपा नेता ने जिरह के दौरान अपने जवाब में कहा कि कांग्रेस के पदाधिकारी धोखेबाज हैं और कार्यकर्ता उनकी धोखाधड़ी का शिकार हुए। नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन हेराल्ड हाउस से बंद कर दिया गया। यह प्रकाश आठ साल बाद सात अप्रैल 2016 को शुरु किया गया था। वह भी तब जब इस केस में 26 जून 2014 को समन जारी किया गया था।

स्वामी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन केवल इसलिए शुरु किया गया क्योंकि डीडीए व केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने हेराल्ड को वापस लेने की प्रक्रिया शुरु कर दी थी। 

भाजपा ने कोर्ट में शिकायत देकर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व कांग्रेस पदाधिकारियों पर आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी व राहुल गांधी के स्वामित्व वाली यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने महज 50 लाख रुपए देकर एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) से 90.25 करोड़ के कर्ज की वसूली का अधिकार ले लिया था। यह कर्ज कांग्रेस ने एजेएल को दिया था। इस मामले में मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नानडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा व यंग इंडियन को भी आरोपी बनाया गया था।

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