जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने शुक्रवार को तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि लालू-राबड़ी शासनकाल में 2003 से हो रहे सृजन घोटाले की कलई नोटबंदी की वजह से खुलने लगी. जैसे ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घोटाले की भनक लगी जांच का आदेश दे दिया. साथ ही विपक्ष के बिना मांग, बिना समय गंवाये सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी. अब सीबीआइ जांच की रिपोर्ट आने तक इस पर हंगामा कर तेजस्वी यादव अपने काले कारनामे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए स्वांग रच रहे हैं.
सीएम पद के लिए रोज नये उम्मीदवार आ रहे सामने : सुशील मोदीसंजय सिंह ने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार के द्वारा उजागर किये गये सृजन घोटाले को मुद्दा बनाकर चिल्ला रहे राजद नेता 14 वर्षों से कहां सोये हुए थे? 2003 से 2005 तक सरकार में और इसके बाद मुख्य विपक्ष की हैसियत से घोटाले को उजागर करने में रुचि क्यों नहीं दिखायी? 20 महीने तक भी तो राजद सरकार में प्रमुख सहयोगी रहा, फिर भी घोटाले को सामने क्यों नहीं लाया गया? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो भ्रष्टाचार पर समझौता करने के बजाय इस्तीफा दे दिया था, लेकिन तेजस्वी यादव को तो नैतिकता है ही नहीं.