chandrayaan-2 की चांद पर लैंडिंग: पीएम मोदी के साथ लखनऊ की ये बेटी भी बनेगी ऐतिहासिक पल की गवाह

सितंबर का महीना देश के लिए ऐतिहासिक होने वाला है. दरअसल इस महीने भारत का चंद्रयान-2 मिशन (chandrayaan-2 mission ) अपनी कड़ी परीक्षा से गुजरने वाला है. 7 सितंबर को रात 1.55 बजे इसकी चंद्रमा पर लैंडिंग होगी. इस लैंडिंग का गवाह पूरा देश बनेगा, इस दौरान बेंगलुरू के इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (ISRO) मुख्यालय से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक मौके को देखेंगे. खास बात ये है कि इस दौरन प्रधानमंत्री मोदी के साथ लखनऊ की एक बेटी भी इस अद्भुत नजारे का दीदार करेगी. ये लखनऊ के दिल्ली पब्लिक स्कूल की 10वीं की छात्रा राशि वर्मा है, जिसका चयन देश भर के उन मेधावी 60 बच्चों में हुआ है, जिन्हें साइंस की दुनिया से प्यार है. ये सभी बच्चे उस दिन पीएम मोदी के साथ चंद्रयान 2 की लैंडिंग देंखेंगे.

दरअसल इन बच्चों का चयन एक साइंस क्विज के माध्यम से किया गया है. 10 से 25 अगस्त तक आयोजित इस ऑनलाइन साइंस क्विज में 10 मिनट के अंदर 20 सवालों का जवाब देना था. इसमें उत्तर प्रदेश से राशि वर्मा के अलावा एक अन्य स्कूल के आठवीं के छात्र का चयन हुआ है. इसी तरह पूरे देश से कुल 60 बच्चों का चयन किया गया है. चयन के बाद खुद राशि वर्मा ने कहा कि उस बड़ी होकर आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं. इस ऐतिहासिक पल की गवाह बनने से उन्हें काफी खुशी है. राशि कहती हैं कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करना चाहेंगीं.

राशि की ही तरह ओडिशा, झारखंड और मेघालय सभी तीन छात्रों का चयन चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए हुआ है. उधर इसरों के अधिकारियों के अनुसार अभी तक उनके पास सभी 60 छात्रों की पूरी लिस्ट नहीं है, अभी ये लिस्ट तैयार की जा रही है

चांद के और नजदीक पहुंचा चंद्रयान-2 , चौथी कक्षा में किया प्रवेश

उधर शुक्रवार को इसरो (ISRO) ने कहा कि उसने 'चंद्रयान-2' (chandrayaan-2) को चांद की चौथी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरी की. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस प्रक्रिया (मैनुवर) के पूरी होने के बाद कहा कि अंतरिक्ष यान की सभी गतिविधियां सामान्य है.

इसरो ने एक अपडेट में कहा, 'प्रणोदन प्रणाली का प्रयोग करते हुए चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को चंद्रमा की चौथी कक्षा में आज (30 अगस्त, 2019) सफलतापूर्वक प्रवेश कराने का कार्य योजना के मुताबिक छह बजकर 18 मिनट पर शुरू किया गया. चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश कराने की इस पूरी प्रक्रिया में 1,155 सेकेंड का समय लगा. अब एक सितंबर 2019 को शाम छह बजे से सात बजे के बीच चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा.

देश की बड़ी सफलता को साबित करते हुए भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में 20 अगस्त को प्रवेश किया था. इसरो ने कहा कि आगामी दो सितंबर को लैंडर ‘विक्रम’ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और सात सितंबर को यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’करेगा. लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान’नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा. इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है. अतंरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.

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