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जानें, गोविंद नगर, मानिकपुर और हमीरपुर सीट से बसपा प्रत्याशियों का सियासी सफर

लखनऊ में बसपा की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा में कानपुर में देवी तिवारी, मानिकपुर में राजनारायण और हमीरपुर से नौशाद अली का नाम शामिल है। इसमें कानपुर की गोविंद नगर सीट से प्रत्याशी शहर से ही हैं लेकिन बसपा ने मानिकपुर और हमीरपुर में बाहरी प्रत्याशी पर दांव खेला है।
कांग्रेस का पंजा छोड़ हाथी पर सवार हुए देवी तिवारी
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विधानसभा उपचुनाव में बसपा ने कानपुर की गोविंद नगर सीट से देवी प्रसाद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के हाथ पर सवार रहे देवी प्रसाद तिवारी अब हाथी पर सवार हो गए हैं। कांग्रेस की टिकट पर वर्ष 2012 में वह कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और हार का सामना किया था।
अबतक पार्टी के ही नेता को टिकट देने की बात कह रही बसपा ने कांग्रेस छोड़कर आए देवी तिवारी को टिकट देकर दांव खेला है। पहले कांगेस को झटका देते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कराया और फिर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गोविंदनगर सीट पर बसपा ने 2017 और 2012 के चुनाव में भी ब्राह्मण चेहरा मैदान में उतारा था। इस सीट पर पार्टी ब्राह्मण प्रत्याशी को निर्णायक मुद्रा में मान रही है।
मीरजापुर के राजनारायण को मानिकपुर से टिकट
बांदा-चित्रकूट लोकसभा क्षेत्र में शामिल मानिकपुर विधानसभा सीट के लिए बसपा ने मीरजापुर में राजनीतिक पारी खेलने वाले राज नारायण कोल निराला को प्रत्याशी बनाया है। इससे भाजपा, कांग्रेस और सपा के दावेदारों में बेचैनी बढ़ गई है। राज नारायण निराला की राजनीतिक शुरुआत मीरजापुर जिले के मडि़हान विधानसभा क्षेत्र से हुई है। वह छात्र जीवन से बसपा की राजनीति से जुड़े और 1999 में सक्रिय पदाधिकारी बनकर काम शुरू किया।
 
पहली बार वह जिला उपाध्यक्ष बनाए गए, इसके बाद लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारी मीरजापुर रहे। चित्रकूट की मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार पार्टी कार्यक्रम में आते रहे और वर्तमान में वह मीरजापुर मंडल जोन कोकॉर्डिनेटर हैं। माना जा रहा है कि मानिकपुर में कोल करीब 40 हजार कोल बिरादरी है, जिसकी वजह से बसपा ने उनपर भरोसा जताया है।
 
लखनऊ में बसपा की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा में कानपुर में देवी तिवारी, मानिकपुर में राजनारायण और हमीरपुर से नौशाद अली का नाम शामिल है। इसमें कानपुर की गोविंद नगर सीट से प्रत्याशी शहर से ही हैं लेकिन बसपा ने मानिकपुर और हमीरपुर में बाहरी प्रत्याशी पर दांव खेला है।
कांग्रेस का पंजा छोड़ हाथी पर सवार हुए देवी तिवारी
विधानसभा उपचुनाव में बसपा ने कानपुर की गोविंद नगर सीट से देवी प्रसाद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के हाथ पर सवार रहे देवी प्रसाद तिवारी अब हाथी पर सवार हो गए हैं। कांग्रेस की टिकट पर वर्ष 2012 में वह कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और हार का सामना किया था।
अबतक पार्टी के ही नेता को टिकट देने की बात कह रही बसपा ने कांग्रेस छोड़कर आए देवी तिवारी को टिकट देकर दांव खेला है। पहले कांगेस को झटका देते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कराया और फिर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गोविंदनगर सीट पर बसपा ने 2017 और 2012 के चुनाव में भी ब्राह्मण चेहरा मैदान में उतारा था। इस सीट पर पार्टी ब्राह्मण प्रत्याशी को निर्णायक मुद्रा में मान रही है।
मीरजापुर के राजनारायण को मानिकपुर से टिकट
बांदा-चित्रकूट लोकसभा क्षेत्र में शामिल मानिकपुर विधानसभा सीट के लिए बसपा ने मीरजापुर में राजनीतिक पारी खेलने वाले राज नारायण कोल निराला को प्रत्याशी बनाया है। इससे भाजपा, कांग्रेस और सपा के दावेदारों में बेचैनी बढ़ गई है। राज नारायण निराला की राजनीतिक शुरुआत मीरजापुर जिले के मडि़हान विधानसभा क्षेत्र से हुई है। वह छात्र जीवन से बसपा की राजनीति से जुड़े और 1999 में सक्रिय पदाधिकारी बनकर काम शुरू किया।
पहली बार वह जिला उपाध्यक्ष बनाए गए, इसके बाद लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारी मीरजापुर रहे। चित्रकूट की मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार पार्टी कार्यक्रम में आते रहे और वर्तमान में वह मीरजापुर मंडल जोन कोकॉर्डिनेटर हैं। माना जा रहा है कि मानिकपुर में कोल करीब 40 हजार कोल बिरादरी है, जिसकी वजह से बसपा ने उनपर भरोसा जताया है।
बसपा प्रमुख करीबी माने जाते हैं नौशाद
कन्नौज के नौशाद अली को बसपा ने हमीरपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। नौशाद अली को पार्टी में बसपा प्रमुख के बेहद करीबियों में से एक माना जाता है। तिर्वा रोड अकबरपुर सरायघाघ निवासी नौशाद 1989 में ब्लॉक अध्यक्ष से राजनीतिक सफर शुरू किया थ, उस समय जिला फर्रुखाबाद था। इसके बाद वह विधानसभा संयोजक, जिला सलाहकार, जिला महामंत्री और जिलाध्यक्ष के पद पर भी रहे। वर्ष 1997 में बसपा सरकार में जेल विजिटर बने और संगठन में 2003 में कानपुर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया।
चुनावों में उनके संगठनात्मक नेतृत्व में विजय मिली तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने क्षमता का आंकलन किया। 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा संगठन में वह मंडल कोआर्डिनेटर पद पर रहे और कानपुर मंडल से 18 विधायक चुने गए। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें ओएसडी बना दिया। नौशाद को अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया और वर्ष 2009 में मायावती ने उन्हें विधान परिषद भेजा। बसपा संगठन में दिल्ली का प्रदेश प्रभारी बनाया गया और उन्होंने संगठन को मजबूती दी। वर्तमान में वह गोरखपुर, बनारस व आजमगढ़ मंडल का पार्टी को मजबूत करने का काम रहे हैं।
बसपा प्रमुख करीबी माने जाते हैं नौशाद
 
कन्नौज के नौशाद अली को बसपा ने हमीरपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। नौशाद अली को पार्टी में बसपा प्रमुख के बेहद करीबियों में से एक माना जाता है। तिर्वा रोड अकबरपुर सरायघाघ निवासी नौशाद 1989 में ब्लॉक अध्यक्ष से राजनीतिक सफर शुरू किया थ, उस समय जिला फर्रुखाबाद था। इसके बाद वह विधानसभा संयोजक, जिला सलाहकार, जिला महामंत्री और जिलाध्यक्ष के पद पर भी रहे। वर्ष 1997 में बसपा सरकार में जेल विजिटर बने और संगठन में 2003 में कानपुर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया।
 
चुनावों में उनके संगठनात्मक नेतृत्व में विजय मिली तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने क्षमता का आंकलन किया। 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा संगठन में वह मंडल कोआर्डिनेटर पद पर रहे और कानपुर मंडल से 18 विधायक चुने गए। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें ओएसडी बना दिया। नौशाद को अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया और वर्ष 2009 में मायावती ने उन्हें विधान परिषद भेजा। बसपा संगठन में दिल्ली का प्रदेश प्रभारी बनाया गया और उन्होंने संगठन को मजबूती दी। वर्तमान में वह गोरखपुर, बनारस व आजमगढ़ मंडल का पार्टी को मजबूत करने का काम रहे हैं।

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