असम में आज 10 बजे जारी होगी नागरिकों की लिस्ट, पिछले साल ड्राफ्ट से बाहर 41 लाख लोगों का होगा फैसला

असम में नागरिकों की अंतिम सूची आज सुबह 10 बजे ऑनलाइन प्रकाशित कर दी जाएगी. इस लिस्ट के सामने आने के बाद ये साफ हो जाएगा कि पिछले साल लिस्ट के ड्राफ़्ट से बाहर हुए 41 लाख लोगों में से कितने अंतिम लिस्ट में जगह बना पाते हैं. लिस्ट में जिनका नाम होगा वही देश के नागरिक माने जाएंगे और जिनका नाम नहीं होगा वो विदेशी माने जाएंगे. लिस्ट के प्रकाशन से पहले असम पुलिस ने प्रदेश में अफ़वाह  फैलाने वालों को रोकने के लिए कमर कस ली है. सुरक्षा के मद्देनज़र राज्य के कई इलाक़ों में धारा 144 भी लगाई गई है. जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में नहीं होंगे उनकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है. एनआरसी की फाइनल लिस्ट के प्रकाशन से पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से कहा कि वे घबराएं नहीं राज्य सरकार अपनी नागरिकता साबित करने में उन लोगों को मदद करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी जो वास्तव में भारतीय हैं.
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सोनोवाल ने इन लोगों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी कहा कि शनिवार को प्रकाशित होने वाली एनआरसी की अंतिम सूची से यदि किसी का नाम बाहर रह जाता है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वह विदेशी बन गया है. क्योंकि उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) ही इस संबंध में निर्णय ले सकता है. उन्होंने कहा, 'किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार सभी का ध्यान रखेगी. अंतिम सूची से जिनका नाम बाहर रखा जाएगा, उन्हें भी अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर मिलेगा.' एनआरसी के असम प्रदेश समन्वयक प्रतीक हजेला को सोमवार को सत्तारूढ़ बीजेपी की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. दरअसल, भगवा पार्टी ने यह आशंका जताई है कि विदेशी नागरिक भी पंजीकरण में जगह पा लेंगे क्योंकि वह कथित तौर पर सिर्फ दो-तीन संगठनों के परामर्श से समीक्षा प्रक्रिया कर रहे हैं. =
मसौदा एनआरसी में जिन लोगों का नाम शामिल नहीं था लेकिन शनिवार को प्रकाशित होने वाली अंतिम एनआरसी सूची में उन्हें जगह मिल गयी है तो उनके आधार कार्ड जारी किये जाएंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एनआरसी अधिकारियों ने 30 जुलाई 2018 को प्रकाशित मसौदा एनआरसी में जगह नहीं बना पाए ऐसे 36 लाख लोगों का बायोमीट्रिक डाटा लिया है जिन्होंने भारतीय नागरिकता का दावा किया था. इस बायोमीट्रिक डाटा की वजह से आधार कार्ड बनाना संभव हो सकेगा. 

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